No More Bank Harassment: 3 महीने की छूट और 1 बड़ा फायदा – RBI की गाइडलाइन से छूट न जाए

Published On: July 19, 2025
RBI New Guidelines 2025

आज के दौर में बैंकिंग क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं। हर आम आदमी आज किसी न किसी लोन की किस्त यानी EMI चुका रहा है—चाहे घर का लोन हो, गाड़ी का लोन हो या फिर शिक्षा और पर्सनल लोन। पहले जब कोई व्यक्ति समय पर अपनी EMI नहीं चुका पाता था, तो बैंकों द्वारा उस पर भारी पेनल्टी यानी जुर्माना लगाया जाता था। इससे न केवल आर्थिक बोझ बढ़ता था, बल्कि बैंक और कस्टमर के बीच विवाद भी सामने आते थे।

अक्सर देखा गया है कि बैंक और वित्तीय संस्थान कर्जदारों को बार-बार फोन कर परेशान करते थे या फिर उनके ऊपर अलग-अलग तरीकों से दबाव डालते थे। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ऐसी सभी शिकायतों को देखते हुए एक बड़ी पहल की है। RBI ने EMI न चुका पाने की स्थिति में बैंकों के व्यवहार को लेकर बिल्कुल नई गाइडलाइन जारी की है, जिससे ग्राहकों की परेशानी अब काफी हद तक कम हो जाएगी।

RBI New Guidelines 2025

रिजर्व बैंक ने 15 जून 2025 से एक नई गाइडलाइन लागू की है, जिसके तहत देशभर के सभी बैंकों और एनबीएफसी (NBFCs) को आदेश दिया गया है कि अगर कोई ग्राहक समय से EMI नहीं चुका पाता है तो उस पर अब कोई पेनल इंटरेस्ट या अतिरिक्त जुर्माना नहीं लगाया जाएगा

यह नियम सभी प्रकार के लोन—गृह, पर्सनल, ऑटो, एजुकेशन, गोल्ड, बिजनेस और उपभोक्ता लोन—पर समान रूप से लागू होंगे। पहले बैंकों द्वारा देरी से EMI जमा करने पर 1.5% से 3% तक अतिरिक्त राशि जुर्माने के रूप में वसूली जाती थी। अब इस नियम के लागू होने से कर्जदारों को सीधा राहत मिलेगी, और बैंकों की जिम्मेदारी होगी कि वे कस्टमर से सम्मानजनक व्यवहार करें और उसे परेशान न करें

आरबीआई का उद्देश्य है कि कर्जदारों की वित्तीय स्थिति को समझते हुए बैंक उन्हें उबरने का मौका दें, न कि उन पर और बोझ डालें। इसकी वजह से आम जनता, खासकर वे लोग जिनकी आय अनियमित होती है, फ्रीलांसर या ग्रामीण इलाकों के दिहाड़ी मजदूर, अब बैंक के डर के बिना समय ले सकते हैं।

नई गाइडलाइन के मुख्य बिंदु

  • पेनल इंटरेस्ट पूरी तरह से खत्म
  • सभी लोन श्रेणियों पर समान नियम।
  • बैंकों को ईमानदार और पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी होगी।
  • ग्राहक की परेशानी को समझते हुए सहायता देने पर जोर।

किस तरह से बैंक ग्राहकों को परेशान नहीं कर सकते

RBI की गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि कोई भी कर्जदार समय पर EMI नहीं चुका पाता है, तो बैंक या उसका एजेंट ग्राहक को बार-बार फोन करके धमका नहीं सकता, कोई डरावना नोटिस या सामाजिक शर्मिंदगी नहीं कर सकता। यदि बैंक कर्मचारी या एजेंट ग्राहक से अनावश्यक सख्ती या बदसलूकी करते हैं, तो ग्राहक इसकी शिकायत बैंक या पुलिस में दर्ज करा सकते हैं

पहले और अब की व्यवस्था: एक नजर में

लोन श्रेणीपहले कितना पेनल इंटरेस्ट लगता थाअब कितना लगेगा
पर्सनल लोन2%0%
होम लोन1.5%0%
ऑटो लोन2%0%
शिक्षा लोन1%0%
गोल्ड लोन2.5%0%
बिजनेस लोन3%0%
कंज्यूमर ड्यूरेबल1.5%0%

ग्राहक को मिलने वाले और फायदे

नई RBI गाइडलाइन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ईएमआई लेट होने पर बैंक अब अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं डाल सकता। इससे लाखों-करोड़ों आम लोगों को राहत मिलेगी और वे अपने भविष्य की प्लानिंग और खर्च को बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे। खासकर मध्यवर्ग, मजदूर, किसान, और स्वरोजगार वाले लोगों को अब किश्त न भर पाने की मजबूरी में बैंक से डरने की जरूरत नहीं है

क्या EMI फिर भी जरूरी है?

ध्यान देना जरूरी है कि बिना पेनल्टी के बावजूद EMI भरना जरूरी है। अगर समय पर किश्त नहीं दी जाती, तो क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है, जिससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है। इसलिए प्रयास करें कि हर महीने EMI समय पर जमा करें, ताकि बैंक के सामने भरोसेमंद ग्राहक की छवि बनी रहे

नई व्यवस्था में बैंकों की जिम्मेदारी

RBI ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी आंतरिक प्रणाली भी अपग्रेड करें। बैंक के डाटा, लोन एग्रीमेंट, स्टाफ ट्रेनिंग और ग्राहक सहायता की प्रक्रिया को नया गाइडलाइन के मुताबिक बनाना होगा। बैंक अब ग्राहक से संवाद बढ़ाएंगे और समस्याओं का हल निकालेंगे न कि उस पर दबाव डालेंगे।

अगर कोई ग्राहक वाकई वित्तीय परेशानी से जूझ रहा है, तो बैंक उसके लिए ऋण पुनर्संरचना, किश्तों की संख्या बढ़ाने या अस्थायी राहत के विकल्प भी दे सकता है

संक्षिप्त जानकारी

रिजर्व बैंक की इस नई गाइडलाइन से अब बैंक या एजेंट कर्जदार को परेशान नहीं कर सकते। किसी भी प्रकार के डर या शर्मिंदगी से बचाने, पारदर्शिता बढ़ाने और आम आदमी को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब EMI चुकाने में देरी होने पर ग्राहकों पर भारी जुर्माना नहीं लगेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर अनचाहा दबाव नहीं पड़ेगा।

नई व्यवस्था सभी वर्ग के कर्जदारों के लिए लाभदायक है, इसलिए हर व्यक्ति को अपने अधिकार जानना और समय पर किश्त चुकाना जरूरी है। RBI का यह कदम व्यवस्था में पारदर्शिता, मानवीयता और उपभोक्ता हित को मजबूती देता है।

अब बैंकों से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि नियमों की सही जानकारी और पारदर्शिता के चलते आप अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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